स्वर्ग बना सकते हैं हम कविता का सारांश 10 पंक्तियों मे लिखिए
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भावार्थ – ईश्वर ने मानव को जो अमूल्य भंडार दिया है, उससे धरती के सभी मानव तृप्त हो सकते हैं। यदि मनुष्य स्वार्थ रहित होकर यदि इन सुखों को समतापूर्वक भोगे तो सबको सुख भी प्राप्त होगा और सभी संतुष्ट भी रहेंगे। आवश्यकता है तो परस्पर तालमेल की। ऐसा करके यदि वे चाहें तो धरती को स्वर्ग में बदल सकते हैं।
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