Hindi, asked by mitali180878, 8 months ago

स्वर्ग बना सकते हैं
धर्मराज यह भूमि किसी की
नहीं क्रीत' है दासी
है जन्मना समान परस्पर
इसके सभी निवासी।
सबको मुक्त प्रकाश चाहिए
सबको मुक्त समीरण
बाधा रहित विकास, मुक्त
आशंकाओं से जीवन।
लेकिन विघ्न अनेक अभी
इस पथ पर अड़े हुए हैं
मानवता की राह रोककर
पर्वत अड़े हुए हैं।
न्यायोचित सुख सुलभ नहीं
जब तक मानव-मानव को
चैन कहाँ धरती पर तब तक
शांति कहाँ इस भव' को?
जब तक मनुज-मनुज का यह
सुख भाग नहीं सम' होगा
शमित न होगा कोलाहल
संघर्ष नहीं कम होगा।


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Answers

Answered by shinejaipur2006
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Answer:

मर रर भभ.धध

ततच चछ तरर लललववधधवव

जदर तज थ मडण ललल डतलल

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