स्वर्ग बना सकते कविता किस घटना पर आधारित है
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Answer:
स्वर्ग बना सकते हैं कविता का केन्द्रीय भाव / मूल भाव
प्रस्तुत कविता में उन्होंने अपने देश की तुलना स्वर्ग से की है . कवि का मानना है कि हम सभी का जन्म समान रूप से हुआ है . ... कवि का मानना है कि समता और प्रेम के आधार पर हम इस देश व सारी धरती को स्वर्ग के समान बना सकते हैं .
Explanation:
प्रस्तुत कविता "स्वर्ग बना सकते हैं" के माध्यम से कवि ने मानव-जाति को यह समझाने की कोशिश की है कि इस विशाल धरती पर सबका जन्म समान रूप से हुआ है। धरती पर मौजूद समस्त संसधानों पर सम्पूर्ण मानव-जाति का अधिकार है और उसे अपने विकास के लिए उनके उपयोग की स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए किन्तु कुछ स्वार्थी मनुष्यों ने लोभवश उन पर अधिकार जमाना शुरू कर दिया है और समाज में भेद भाव को जन्म दिया है जिससे संघर्ष की सृष्टि हो रही है। कवि का मानना है कि धरती पर सुख के इतने साधन मौजूद हैं कि उनसे सभी मनुष्यों की आवश्यकताएँ पूर्ण हो सकती हैं। अत: मनुष्यों को अपने लोभ का त्याग कर समाज में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की स्थापना करनी चाहिए और धरती को स्वर्ग के समान बनाने की कोशिश करनी चाहिए