Hindi, asked by amarchand8925, 10 months ago

स्वराज का पूर्ण सार इस हाथ से बुने हुए सूत के धागे में है और इसलिए मैं चरखे को अपना सबसे शक्तिशाली शस्त्र कहता हूँ।"" गांधी जी के स्वराज की इस अवधारणा को समझाएँ।

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Answered by dcharan1150
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स्वराज का पूर्ण सार इस हाथ से बुने हुए सूत के धागे में है और इसलिए मैं चरखे को अपना सबसे शक्तिशाली शस्त्र कहता हूँ।"" गांधी जी के स्वराज की इस अवधारणा को समझाएँ।

Explanation:

उत्तर :- गांधी जी का विचार था की; स्वराज्य का मतलब सिर्फ विदेशी शासन प्रणाली से राजनीतिक आजादी नहीं हैं बल्कि देश में बसने बाले सभी नागरिकों का खुद पर आत्म-निर्भर शीलता हैं। इसलिए वह चाहते थे की, देश का हर एक समर्थ व्यक्ति खुद कमाए और अपने जीवन को अपने हिसाब से नियंत्रित व सु-विनियमित करें।

और प्रकृत स्वराज्य लाने के लिए उस समय लोगों को खुद के काम खुद ही करने थे। चरखा इस बात को संकेत देता हैं की, उस समय में भारत में चरखे के मदद से उच्च कोटी के खादी,सूत व रेशम के वस्त्र बनाए जाते थे जो की लोगों के जीवन को आत्म-निर्भर करवाता था। इसलिए गांधी जी चरखे को स्वराज्य के साथ जोड कर देखा था।

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