Hindi, asked by ravindrarao2810, 5 months ago

स्वराज्य सुराज मे कब परिणित होगा​

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Answered by guptajitendrabca1
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Explanation:

स्वराज का शाब्दिक अर्थ है - 'स्वशासन' या " अपना राज्य" ... शासन की मांग है, जो वयस्क मताधिकार पर आधारित होगा

Answered by reenakaushal13396
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Answer:

स्वराज का शाब्दिक अर्थ है - ‘स्वशासन’ या "अपना राज्य" ("self-governance" or "home-rule")। भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय प्रचलित यह शब्द आत्म-निर्णय तथा स्वाधीनता की माँग पर बल देता था। स्वराज शब्द का पहला प्रयोग स्वामी दयानंद सरस्वती ने किया था। प्रारंभिक राष्ट्रवादियों (उदारवादियों) ने स्वाधीनता को दूरगामी लक्ष्य मानते हुए ‘स्वशासन’ के स्थान पर ‘अच्छी सरकार’ (ब्रिटिश सरकार) के लक्ष्य को वरीयता दी। तत्पश्चात् उग्रवादी काल में यह शब्द लोकप्रिय हुआ, जब बाल गंगाधर तिलक ने यह उद्घोषणा की कि ‘‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’’ गाँधी ने सर्वप्रथम 1920 में कहा कि ‘‘मेरा स्वराज भारत के लिए संसदीय शासन की मांग है, जो वयस्क मताधिकार पर आधारित होगा। गाँधी का मत था स्वराज का अर्थ है जनप्रतिनिधियों द्वारा संचालित ऐसी व्यवस्था जो जन-आवश्यकताओं तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’’ वस्तुत: गांधीजी का स्वराज का विचार ब्रिटेन के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, ब्यूरोक्रैटिक, कानूनी, सैनिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का बहिष्कार करने का आन्दोलन था।

यद्यपि गांधीजी का स्वराज का सपना पूरी तरह से प्राप्त नहीं किया जा सका फिर भी उनके द्वारा स्थापित अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस दिशा में काफी प्रयास किये।

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