स्वरों के बिना व्यंजन लिखने पर क्या लगाया जाता है
Answers
Take log both sides, we get
Put value of limits,
Answer:
जो वर्ण किसी दूसरे वर्ण (स्वर) की सहायता के बिना सहज में उच्चरित न हो उसें व्यंजन वर्ण या हलंत कहते हैं। ( ् ) लगाया जाता है।
Explanation:
ध्यान दें :
भाषा की सबसे छोटी मौखिक इकाई –ध्वनि
भाषा की सबसे छोटी लिखित इकाई – वर्ण
सार्थकता की दृष्टि से सबसे छोटी इकाई – शब्द
पूर्णता की दृष्टि से सबसे छोटी इकाई – वाक्य
वर्ण(varn)
भावाभिव्यक्ति का या विचारों का आदान -प्रदान करने का प्रमुख साधन भाषा होती है। भाषा की सबसे छोटी लिखित इकाई को वर्ण या अक्षर कहते हैं।
वर्ण-समुदाय को वर्णमाला कहते हैं।
वर्ण की परिभाषा –
वर्ण उस छोटी से छोटी ध्वनि को कहते हैं जिसके फिर टुकङे नहीं किए जा सकते।
जैसे – अ, इ, उ, क्, त्, प्, इत्यादि।
विशेष –
1. वर्ण या अक्षर भाषा की मूल ध्वनियाँ होती हैं।
2. वर्णों का उच्चारण मुख के जिह्वा, कण्ठ, तालु, मूर्धा, दन्त, ओष्ठ तथा नासिका आदि भागों की सहायता से किया जाता है।
वर्णों के भेद (varno ke bhed)
वर्ण दो प्रकार के होते हैं –
स्वर(Swar)
व्यंजन(Vyanjan)