Hindi, asked by parinitha2p7l8pi, 6 months ago

स्वरा की माँ ने दीवाली मनाने के पीछे क्या कहानी सुनाई? अपने शब्दों में बताइए।
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Answered by nikita3030
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Diwali 2018: कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. पूरे देश में इसे प्रकाश और रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. दिवाली दरअसल एक दिन का नहीं, बल्कि 5 दिनों का त्योहार है. धनतेरस से ही इस त्योहार की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस, नरक चतुदर्शी, अमास्या, शुक्ल प्रतिपदा और भाई दूज तक दिवाली का त्योहार मनाया जाता है.

कथा-1ः

भगवान राम जब रावण को मारकर अयोध्या नगरी वापस आए तब नगरवासियों ने अयोध्या को साफ-सुथरा करके रात को दीपों की ज्योति से दुल्हन की तरह जगमगा दिया था. तब से आज तक यह परंपरा रही है कि कार्तिक अमावस्या के गहन अंधकार को दूर करने के लिए रोशनी के दीप प्रज्वलित किए जाते हैं.

कथा-2ः

जब देवताओं और राक्षसोंं द्वारा समुद्र मंथन चल रहा था तब कार्तिक अमावस्या पर देवी लक्ष्मी क्षीर सागर (दूध का लौकिक सागर) से ब्रह्माण्ड मे आई थी. तभी से माता लक्ष्मी के जन्मदिन की उपलक्ष्य मे दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है.

कथा-3ः

दिवाली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाते हैं क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध किया था. नरकासुर एक पापी राजा था, यह अपने शक्ति के बल से देवताओं पर अत्याचार करता था और अधर्म करता था. उसने सोलह हजार कन्याओं को बंदी बनाकर रखा था. इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया. बुराई पर सत्य की जीत पर लोगोंं ने अगले दिन उल्लास के साथ दीपक जलाकर दीपावली का त्यौहार मनाया.

लक्ष्मी जी को धन की देवी और गणेश भगवान बुद्धि के देवता हैं. इस दिन इनके पूजन से बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है क्योंकि बुद्धि के बिना धन का कोई महत्व नहीं होता. इसीलिए कहा जाता है कि मां लक्ष्मी के घर आने के बाद अगर बुद्धि का उपयोग नहीं किया जाए तो लक्ष्मी जी को रोक पाना मुश्किल हो जाता है.

इसीलिए दीवाली की शाम को मां लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश जी की प्रतिमा रखकर दोनों की साथ में पूजा की जाती है. इस दिवाली आप भी भगवान गणेश और मां लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करके अपने घर में धन, बुद्धि और यश का वास करवा सकते हैं.

Explanation:

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