Hindi, asked by farhankhan91, 3 months ago

स्वर्ण में यह धतूरे से सौ गुना अधिक होती है।​

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Answered by shishir303
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¿ स्वर्ण में यह धतूरे से सौ गुना अधिक होती है....

➲ मादकता (नशा)

✎...

मादकता यानि नशा होना एक ऐसा भाव है, जो स्वर्ण में धतूरे से सौ गुना पाया जाता है।

कवि बिहारलाल के एक दोहे से यह बात आसान से समझी जा सकती है...

कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।

बा पाए बौराय, जा पाए बौराय।।

कनक सोना और धतूरा दोनों का पर्यायवाची है।

अर्थात सोना कनक यानी धतूरे से भी सौ गुना अधिक नशीला होता है, क्योंकि धतूरे को तो खाने से नशा होता है, जबकि सोने तो पा लेने मात्र से ही नशा हो जाता है। धतूरे का नशा तो एक बार खाकर थोड़ी देर बाद उतर जाता है, लेकिन सोने का जो नशा चढ़ता है वह आसानी से नहीं उतरता।

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