स्वर्ण में यह धतूरे से सौ गुना अधिक होती है।मादकता
अशुद्धता
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answer: प्रस्तुत दोहे मे बिहारीलाल ने स्वर्ण और धतूरे की मादकता का वर्णन किया है. स्वर्ण से धतुरे से अधिक नशा होती है. क्युकी धतुरे को खाने से आदमी बावला होता हे. और स्वर्ण को पाने मात्र सेही आदमी बावला होता है.
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