World Languages, asked by 9899237433, 6 months ago

स्वर्णकाकेन प्रथमाबालिकायै कस्यां भोजनं परिवेषितम् ?​

Answers

Answered by rashmitasahoo410
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Answer:

- ‘साबरमती - गुरुकुलम्‌’ के छात्रों की भोजन-व्यवस्था जैविक (आर्गेनिक) आहार सहित एवं आहार-शास्त्र और आयुर्वेद-शास्त्र के अनुरूप सु-व्यवस्थित की गई है ।

- यहाँ छात्रों का भोजन सूर्योदय से सूर्यास्त के मध्य ही होता है ।

- भोजन बनाने के लिए यहाँ किसी भी आधुनिक विद्युत्-उपकरण का प्रयोग नहीं किया जाता है । भोजन पूर्णत: गोबर के कंडे व लकड़ी द्वारा चूल्हे पर पकाया जाता है ।

- आयुर्वेद शास्त्र के आधार पर भोजन पकाने हेतु पित्तल के बर्तन, भोजन करने हेतु कांस्य पात्र एवं पेय - जल के लिए तांबा जैसी उच्च गुणवत्ता वाली धातुओं के बर्तन का ही उपयोग किया जाता है ।

- यहाँ सुखासन में बैठकर एवं चौकी पर थाली रखकर भोजन ग्रहण किया जाता है । देशी गीर प्रजाति की ५० से अधिक गायों का शुद्ध दूध, घी एवं छाछ आदि प्रचुर मात्रा में छात्रों के लिए उपलब्ध है ।

- रसोईघर व गुरुकुलम् का सम्पूर्ण परिसर गोबर से लींपण किया हुआ है । जो छात्रों में दिव्यचेतना का संचार करता है ।

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