स्वर और उनकी मात्राएं लिखें और मात्राओं से पांच पांच शब्द बनाइए
Answers
♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦
हिन्दी वर्ण की परिभाषा - हिन्दी भाषा में प्रयुक्त सबसे छोटी ध्वनि वर्ण कहलाती है। जैसे-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, क्, ख् आदि
हिन्दी वर्णमाला-
हिन्दी वर्णमाला- वर्णों के समुदाय को ही वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 44 वर्ण हैं। उच्चारण और प्रयोग के आधार पर हिन्दी वर्णमाला के दो भेद किए गए हैं
- 1. स्वर
- 1. स्वर2. व्यंजन
जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता हो और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक हों वे स्वर कहलाते है। ये संख्या में ग्यारह हैं
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
उच्चारण के समय की दृष्टि से स्वर के तीन भेद किए गए हैं-
- 1. ह्रस्व स्वर।
- 1. ह्रस्व स्वर।2. दीर्घ स्वर।
- 3. प्लुत स्वर
1.ह्रस्व स्वर-
1.ह्रस्व स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
2.दीर्घ स्वर-
2.दीर्घ स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। ये हिन्दी में सात हैं- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
विशेष- दीर्घ स्वरों को ह्रस्व स्वरों का दीर्घ रूप नहीं समझना चाहिए। यहां दीर्घ शब्द का प्रयोग उच्चारण में लगने वाले समय को आधार मानकर किया गया है
3.प्लुत स्वर-
3.प्लुत स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है।
मात्राएँ
स्वरों के बदले हुए स्वरूप को मात्रा कहते हैं स्वरों की मात्राएँ निम्नलिखित हैं
स्वर मात्राएँ
शब्द अ × - कम
आ ा - काम
इ ि - किसलय
ई ी - खीर
उ ु - गुलाब
ऊ ू - भूल
ऋ ृ - तृण
ए े - केश
ऐ ै - है
ओ ो - चोर
औ ौ - चौखट
अ वर्ण (स्वर) की कोई मात्रा नहीं होती। व्यंजनों का अपना स्वरूप निम्नलिखित हैं
क् च् छ् ज् झ् त् थ् ध् आदि
अ लगने पर व्यंजनों के नीचे का (हल) चिह्न हट जाता है। तब ये इस प्रकार लिखे जाते हैं
क च छ ज झ त थ ध आदि
♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦