Hindi, asked by aarushm1210, 1 day ago

स्वर संधि के भेदों के नाम उदाहरण सहित लिखिए।​

Answers

Answered by singhjitendra764693
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Answer:

स्वर संधि के मुख्यतः पांच भेद होते हैं:

दीर्घ संधि

गुण संधि

वृद्धि संधि

यण संधि

अयादी संधि

1. दीर्घ संधि :

संधि करते समय अगर (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ , ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ ,ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है। जब ऐसा होता है तो हम इसे दीर्घ संधि कहते है। इस संधि को ह्रस्व संधि भी कहा जाता है।

उदाहरण:

विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ)

परम + अर्थ : परमार्थ (अ + अ = आ)

कवि + ईश्वर : कवीश्वर (इ + ई = ई)

गिरि + ईश : गिरीश (इ + ई = ई)

वधु + उत्सव : वधूत्सव (उ + उ = ऊ)

2. गुण संधि

जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ , ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ ,आ)के साथ (उ , ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।

उदाहरण:

महा + उत्सव : महोत्सव (आ + उ = ओ)

आत्मा + उत्सर्ग : आत्मोत्सर्ग (आ + उ = ओ)

धन + उपार्जन : धनोपार्जन (अ + उ = ओ)

सुर + इंद्र : सुरेन्द्र (अ + इ = ए)

महा + ऋषि : महर्षि (आ + ऋ = अर)

3. वृद्धि संधि

जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ‘ औ ‘ बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।

उदाहरण:

महा + ऐश्वर्य : महैश्वर्य (आ + ऐ = ऐ)

महा + ओजस्वी : महौजस्वी (आ + ओ = औ)

परम + औषध : परमौषध (अ + औ = औ)

जल + ओघ : जलौघ (अ + ओ = औ)

महा + औषध : महौषद (आ + औ = औ)

4. यण संधि

जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है।

उदाहरण :

अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य)

प्रति + अक्ष : प्रत्यक्ष (इ + अ = य)

प्रति + आघात : प्रत्याघात (इ + आ = या)

अति + अंत : अत्यंत (इ + अ = य)

अति + आवश्यक : अत्यावश्यक (इ + आ = या)

5. अयादि संधि

जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

य , व् से पहले व्यंजन पर अ , आ की मात्रा हो तो अयादि संधि हो सकती है लेकिन अगर और कोई विच्छेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखना होगा।

उदाहरण:

श्री + अन : श्रवण

पौ + अक : पावक

पौ + अन : पावन

नै + अक : नायक

Answered by harpal557407
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स्वर सन्धि के पाँच भेद होते हैं

दीर्घ ,गुण, व्रुद्धि, यण और आयदि

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