स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मय कय निर्यस होतय है । यनद हम आखत्मक बि चयहते हैं तो स्वयस्थ्य रक्षय की ओर ध्ययि देिय हमयरय परम कतवव्य है । स्वयस्थ्य कय हमयरे चररत्र के सयथ घनिष्ठ सांबांध है । स्वस्थ व्यखि ही चररत्रर्यि हो सकतय है। कयरण स्पष्ट है नक स्वयस्थ्य कय आत्मसांयम से सांबांध है और आत्मसांयम चररत्र की सीढ़ी है । यनद स्वयस्थ्य िष्ट हुआ तो बहुत कुछ िष्ट हो गयय । स्वस्थ व्यखि धि कमय सकतय है परांतु धिर्यि धि से भी स्वयस्थ्य िहीां िरीद सकतय। व्ययययम स्वयस्थ्य कय सहोदर है । निि व्यखियोां कय व्यर्सयय शयरीररक श्रम से सांबांनधत है उन्हें मखिष्क सांबांनधत व्ययययम और निि कय व्यर्सयय मखिष्क सांबांधी है उन्हें शयरीररक व्ययययम अर्श्य करिय चयनहए । ति तथय मखिष्क िीर्ि रूपी तरयिू के दो पिडे हैं, नििकय सांतुिि होिय अनिर्ययव है । यह भी ियििय अत्यांत आर्श्यक है नक स्वयस्थ्य रक्षय कैसे हो सकती है |
1 - मिुष्य के निए स्वस्थ रहिय क्ोां आर्श्यक है ?
2 - स्वयस्थ्य कय महत्व नकससे अनधक है ?
3- व्ययययम नकसकय सहोदर है ?
4- गद्यांश के अिुसयर नकसकी ओर ध्ययि देिय हमयरय परम कतवव्य है ?
5- उपयुवि गद्यांश कय उनचत शीर्वक होगय-
ignore the blanks
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: एक स्वस्थ जीवनशैली पुरानी और लम्बी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकती है। ...
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स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मय कय निर्यस होतय है । यनद हम आखत्मक बि चयहते हैं तो स्वयस्थ्य रक्षय की ओर ध्ययि देिय हमयरय परम कतवव्य है । स्वयस्थ्य कय हमयरे चररत्र के सयथ घनिष्ठ सांबांध है । स्वस्थ व्यखि ही चररत्रर्यि हो सकतय है। कयरण स्पष्ट है नक स्वयस्थ्य कय आत्मसांयम से सांबांध है और आत्मसांयम चररत्र की सीढ़ी है । यनद स्वयस्थ्य िष्ट हुआ तो बहुत कुछ िष्ट हो गयय । स्वस्थ व्यखि धि कमय सकतय है परांतु धिर्यि धि रूपी तरयिू के दो पिडे हैं, नििकय सांतुिि होिय अनिर्ययव है । यह भी ियििय अत्यांत आर्श्यक है नक स्वयस्थ्य रक्षय कैसे हो सकती है |
1 - मिुष्य के निए स्वस्थ रहिय क्ोां आर्श्यक है ?
2 - स्वयस्थ्य कय महत्व नकससे अनधक है ?
3- व्ययययम नकसकय सहोदर है ?
4- गद्यांश के अिुसयर नकसकी ओर ध्ययि देिय हमयरय परम कतवव्य है ?
5- उपयुवि गद्यांश कय उनचत शीर्वक होगय-
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