स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। - इस कथन
के संबंध में अपने विचार लिखिए।please help in 5to6 lines and in hindi language if you give answer I will like, follow, vote
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दुनिया में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं होता और शरीर अगर स्वस्थ हो तो सब कुछ अच्छा लगता है, दिल को सुकून मिलता है लेकिन अगर हम थोड़ा भी बीमार पड़ते हैं तो सारी दुनिया अधूरी सी लगने लगती है। इसलिए स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन भी कहा गया है लेकिन वर्तमान परिवेश और हमारी जीवन-शैली ने लोगों को अस्वस्थ होने पर मजबूर कर दिया है। क्या इस अस्वस्थता के लिए हमारे द्वारा निर्मित दूषित परिवेश और जीवन-शैली सर्वाधिक जिम्मेदार नहीं है?
हम अपने परिवेश को इतना दूषित करते जा रहे हैं कि जीना दूभर होता जा रहा है और नयी-नयी बीमारियों का जन्म हो रहा है जिससे रोगियों की संख्या में साल-दर-साल बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ऐसा कोई तत्व बाकी नहीं रहा जो प्रदूषित होने से बचा हो चाहे वायु, जल, भूमि, प्रदूषण हो या फिर अन्य। प्रदूषण एक ऐसा कारक है जो सबसे ज्यादा लोगोंको बीमार कर रहा है और लगभग सभी बीमारियों में कारक के रूप में इसके वर्चस्व को इंकार नहीं किया जा सकता।