स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है पर पिता और बेटे के बीच संवाद
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पिता और बेटे के बीच संवाद
विषय — स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।
पिता — राहुल, इधर आओ।
बेटा — जी, पिताजी।
पिता — देखो मेरी बात ध्यान से सुनो। आज मैं तुम्हें उत्तम स्वास्थ्य और उसके लाभ के बारे में बताने वाला हूँ।
बेटा — जी पिताजी।
पिता — देखो बेटा उत्तम स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।
बेटा — वो कैसे पिताजी।
पिता — सबसे पहले स्वास्थ्य का महत्व समझ लो। जो व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ होता है। वो व्यक्ति आलस्य नही करता क्योंकि आलस्य एक विकार है। स्वस्थ व्यक्ति अपने कार्य को कुशलतापूर्व करने में सक्षम होता है इसका कारण उसका ऊर्जावान होना है।
बेटा — अच्छा पिताजी।
पिता — हाँ बेटा। एक स्वस्थ व्यक्ति किसी पर निर्भर नही होता और अपने सारे कार्य स्वयं करता है। अधिकतर कार्यों में उसे सफलता मिलती है इस कारण उसका मन भी प्रफुल्लित रहता है और वह मानसिक रूप से मजबूत होता है। जब मानसिक रूप से मजबूत होगा तो दिमाग भी तेज होगा। तब पढ़ाई में वो अव्वल ही रहेगा।
बेटा — पिताजी हम पूर्ण रूप से स्वस्थ कैसे रह सकते हैं?
पिता — इसके लिये हमें सर्वप्रथम अपने खान-पान में सुधार करना होगा। जंक फूड न पायें। पौष्टिक खाना खायें। सुबह का नाश्ता पौष्टिक हों। दोपहर का खान मध्यम स्तर का हो न ज्यादा हलका न ज्यादा भारी। रात को हल्का भोजन करें। रोज सुबह नियमित व्यायाम करें। योगासन संभव हो तो वो करें। रात में जल्दी सो जायें और सुबह जल्दी उठें। क्रोध न करें। संयम से रहें। शारीरिक गतिविधि खूब करें अर्थात खेलना-कूदना, चलना, दौड़ना, सीढियां चढ़ना आदि। ये कुछ उपाय हैं जिन पर अमल करने से मनुष्य जीवन-पर्यंत स्वस्थ रह सकता है। उसे कोई रोग नही होगा।
बेटा — पिताजी आपने बहुत अच्छी बातें बताईं। मैं आज से आपके कहे अनुसार आपकी बातों पर अमल करना शुरु करता हूँ। मैं आपको वचन देता हूँ जीवनभर आपकी इस सीख का पालन करूँगा और स्वयं को स्वस्थ रखूंगा।
पिता — बेटा, इसीलिये तो मैंने तुम्हे ये सारी बाते बताईं। मुझे खुशी है कि तुम्हें मेरी सीख अच्छी से समझ आ गयी। आओ मेरे गले लग जाओ।