स्वस्य संसार कैसे बन सकता है
satyamkumar5428:
I think it should be स्वस्थ संसार please check your question
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Answer:- जरूरत है व्यक्ति की मानसिकता , वृति , व्यवहार , चरित्र औऱ आदतों को सकारात्मक स्वस्थ , स्वच्छ और आशावादी बननेकी , क्योंकि स्वस्थ चिंतन से स्वच्छ वृति , स्वच्छ प्रवृति , स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ प्रकर्ति बनती है। मूल रूप से स्वस्थ मन ही स्वस्थ तन , स्वस्थ जीवन , स्वच्छ और स्वच्छ पर्यावरण का आधार है ।
आशा है कि यह आपकी सहायता करेगा ।
धन्यवाद ।
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कवि का कहना है कि ईश्वर ने मनुष्य को अनेक प्रकार के सुख दिए है . ... मनुष्य स्वार्थ रहित होकर यदि इन सुखों को समतापूर्वक भोगे तो सबको सुख भी प्राप्त होगा और सभी संतुष्ट भी रहेंगे . अतः यह धरती स्वरः के समान सुन्दर बन जायेगी . यहाँ भी वहीँ सुख प्राप्त होंगे तो स्वर्ग में प्राप्त होते हैं .
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