Hindi, asked by rosaline5322, 20 days ago

संवत् सोलह सौ असी, 'असी गंग के तीर ।श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी तज्यो शरीर ।अर्थ सहित व्याख्या कीजिए।​

Answers

Answered by godg52847
0

Answer:

Explanation:

संवत् सोलह सौ असी, 'असी गंग के तीर । श्रावण Krishna Teej Shani, तुलसी तज्यो शरीर ।

Answered by tripathiakshita48
0

इस दोहे का मूल अर्थ है कि तुलसीदास ने भगवान राम के लीलाओं को अपनी रचनात्मक शक्ति के माध्यम से व्यक्त किया था।

यह दोहा हिंदी कैलेंडर के अनुसार संवत् १६८० के लिए हो सकता है, जो वर्ष १६८० ईस्वी के बराबर होता है।

दोहे में लिखा है, "संवत् सोलह सौ असी, असी गंग के तीर"।

इसका अर्थ है कि यह दोहा संवत् १६८० के लिए है और यह दोहा गंगा के तट पर है।

दोहे के आगे लिखा है, "श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी तज्यो शरीर"।

यह श्लोक बताता है कि यह दोहा श्रावण महीने की सप्तमी के दिन लिखा गया था और इस दिन तुलसीदास ने इस लोक से इस लोक की उत्पत्ति के संबंध में बात की थी।

तुलसी दास भगवान राम के अनुयायी थे और उन्होंने भगवान राम के लीलाओं को रचनात्मक रूप से व्यक्त किया था।

उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से एक हैं।

इस दोहे का मूल अर्थ है कि तुलसीदास ने भगवान राम के लीलाओं को अपनी रचनात्मक शक्ति के माध्यम से व्यक्त किया था।

For similar question on अर्थ सहित व्याख्या कीजिए।​

https://brainly.in/question/29122954

#SPJ2

Similar questions