Hindi, asked by tamannabhakta29, 5 months ago

स्वतंत्र भारत की जेलों में अपराधियों को सुधार कर ह्रदय परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है पता लगाइए कि इस दिशा में कौन-कौन से कार्यक्रम चल रहे हैं?​

Answers

Answered by UnicornSquad12
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Answer:

KOLKATA: A moderate earthquake shook parts of West Bengal on Saturday evening. Temors were felt in Kolkata and parts of south Bengal around 4.30 PM. According to the Meteorological department, an earthquake of 3.6 magnitude hit parts of West Bengal, tremors of which were felt in Howrah district and other areas.Aug 3, 2019

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Answered by sushmitha8318
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दुनिया भर में कैदियों को सजा काटने के बाद समाज की मुख्‍य धारा में लाने के लिए तमाम सुधारात्‍मक कदम उठाए जाते हैं. भारत में सजा कम करने का प्रलोभन देकर कैदियों के सुधार में योग का सहारा लेने की अनूठी पहल की गई है.समय और समाज की बदलती लय को देखते हुए इस पहल की कानून के लिहाज से समीक्षा का लब्‍बोलुआव इसके सकारात्‍मक और नकारात्‍मक पहलुओं को उजागर करती है. एक तरफ दंड के सुधारात्‍मक पहलू को देखते हुए इस पहल की बेहतरी से इंकार नहीं किया जा सकता है वहीं भारतीय व्‍यवस्‍था में व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार इसकी कामयाबी पर संदेह पैदा करने पर मजबूर भी करती है.

Explanation:

योग के लगातार बढते विश्‍वव्‍यापी महत्‍व को देखते हुए महाराष्‍ट्र की जेलों में कैदियों को सजा कम कराने का विकल्‍प मुहैया कराने के लिए यह पहल शुरू की गई है. इसके लिए राज्‍य के जेल महकमे ने इस योजना को लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके तहत कैदी योग सीखकर लिखित और शारीरिक परीक्षा पास कर लेते हैं तो उनकी तीन महीने तक की सजा माफ कर दी जाएगी. इसका मकसद कैदियों के उग्र व्‍यवहार को संतुलित एवं संयमित कर उन्‍हें जेल से रिहा होने से पहले समाज की मुख्‍य धारा में शामिल होने लायक बनाना है.

कानूनी पक्ष

जहां तक योग को जेल और कैदियों की रिहाई से जोड़ने के पीछे कानून के बल का सवाल है तो इसमें कोई शक नहीं है कि राज्‍य सरकार इस तरह का फैसला करने के लिए सक्षम है. दरअसल कैदियों के स्‍वभाव में बदलाव के लिए जेलों में चलाए जा रहे मनोवैज्ञानिक कार्यक्रमों में योग की पहले से ही अहम भूमिका रही है. साथ ही जेलों में कैदियों को कम से कम समय तक रखने के सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलों के मद्देनजर योग में पारंगत होना कैदियों की सजा कम करने का बेहतर आधार हो सकता है.

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