स्वतंत्र भारत का सम्पूर्ण दायित्व आज विद्यार्थियों के कंधे पर है। कारण आज जो विद्यार्थी हैं, वे ही कल के भारत के नागरिक होंगे। भारत की उन्नति एवं उसका उत्थान उन्हीं की उन्नति और उत्थान पर निर्भर करता है। अतएव विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने भावी जीवन का निर्माण बड़ी सतर्कता और सावधानी के साथ करें। उन्हें प्रत्येक क्षण अपने राष्ट्र, अपने समाज, अपने धर्म, अपनी संस्कृति को अपनी आँखों के सामने रखना चाहिए जिससे उनके जीवन से राष्ट्र को कुछ शक्ति प्राप्त हो सके। जो विद्यार्थी राष्ट्रीय दृष्टिकोण से अपने जीवन का निर्माण नहीं करते, वे राष्ट्र और समाज के लिए बोझ बन जाते हैं।
ऊपर लिखे हुए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित किन्हीं तीन(any three) प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) किसी देश की उन्नति और उत्थान किन पर निर्भर करता है तथा क्यों?
(ख) राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने हेतु विद्यार्थियों का क्या कर्तव्य है?
(ग) किस प्रकार के विद्यार्थी राष्ट्र एवं समाज के लिए बोझ बन जाते हैं?
(घ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए
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क: किसी देश की उन्नति और उत्थान विद्यार्थियों पर निर्भर करती है क्योंकि स्वतंत्र भारत का संपूर्ण दायित्व आज विद्यार्थियों के कंधे पर है और भविष्य में वे अपने राष्ट्र की उन्नति कर सकें।
ख: राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने हेतु विद्यार्थियों का यह कर्तव्य है कि वे अपनी भावी जीवन का निर्माण बड़ी सतर्कता और सावधानी के साथ करें उन्हें प्रत्येक क्षण अपने राष्ट्र के बारे में सूचना और उसके उन्नति के बारे में सोचना है ।
ग: जो विद्यार्थी राष्ट्रीय दृष्टिकोण से अपने जीवन का निर्माण नहीं करते फिर राष्ट्र और समाज के लिए बोझ बन सकते हैं
घ: विद्यार्थी जीवन
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