Hindi, asked by amreen1069, 2 months ago

स्वतंत्रता आंदोलन में युवा पीढ़ी का क्या योगदान था।​

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स्वतंत्रता प्राप्ति के 70 वर्ष पूर्ण होने पर श्री सत्य सांई प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में आजादी - 70 याद करो कुर्बानी पखवाड़े के तहत एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर पुष्पमाला अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी गई। राष्ट्रगान के बाद छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि आजादी के आंदोलन में उस समय की युवा पीढ़ी के त्याग-बलिदान और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्लाह खान जैसे युवाओं ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

श्री सिंह ने कहा कि युवाओं को जीवन में स्वतंत्रता सेनानियों का व्यक्तित्व सारगर्भित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत करने और मातृभूमि के प्रति लगाव पैदा करने पर जोर दिया।

इस मौके पर कुलसचिव डॉ. जीआर सेलोकर, डीन एकेडमिक प्रो. मुकेश तिवारी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय राठौर सहित अध्यापकगण, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षा विभाग की डीन डॉ. मीनाक्षी पाठक ने किया।

सत्य साईं विश्वविद्यालय में याद करो कुर्बानी के अंतर्गत आयोजित किया गया कार्यक्रम।

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Answered by Anonymous
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स्वतंत्रता दिवस पर हर कहीं जश्न और जय हिन्द के नारे होंगे। हो भी क्यों न...। यह आजादी आखिर हर देशवासी के लिए बेहद अजीज है। शहर के युवा भी आजादी के मायने समझ रहे हैं व भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का माद्दा रखते हैं।

हमने बात की कुछ युवाओं से और जाना आजाद भारत में मिली स्वतंत्रता का वे कैसे उपभोग कर रहे हैं व देश के लिए कैसे योगदान दे रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि हम भी हैं जोश में और हमारे सामने गलत बात करने वालों को अपने होश संभालने होंगे।

सपने को साकार करने की कोशिश

अनुराग गर्ग कहते हैं कि आजादी के साथ गांधीजी ने एक अखंड भारत का सपना देखा था। हम युवा इस सपने को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं। बस, हमारा तरीका अलग है। बेहतर नौकरियां पाकर, बेहतर पैकेज पाकर, विदेशों में अपना लोहा मनवाकर, देश के आर्थिक विकास में सहयोग देकर प्रत्यक्ष न सही लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से हम देश की नींव को मजबूत करने में लगे हैं।

एकजुटता से आएगी बदलाव की बयार

राहुल शाह कहते हैं कि आज हमारे समक्ष भ्रष्टाचार अहम मुद्दा है व देश का हर नागरिक इसके विरोध में मुहिम से जुड़ रहा है। आज का युवा गलत के खिलाफ आवाज उठा रहा है, भ्रष्टाचार व आतंकवाद के मुद्दों पर अपनी राय रख रहा है, देशसेवा के लिए सेना में जाने का जज्बा रख रहा है। राजनीति में जाकर और अपने स्तर पर कार्य करके परिस्थितियों को बदलने का प्रयास कर रहा है। युवाओं की यह ताकत एकजुट हो जाए तो बदलाव की बयार आने में देर नहीं लगेगी।

युवा शक्ति है महाशक्ति

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विशाल साहू कहते हैं कि हमारे देश की बड़ी आबादी युवाओं की है। आजादी के बाद बहुत हद तक हम आधुनिक भी हुए हैं और दुनियाभर में हमें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के उचित अवसर भी मिल रहे हैं। नई पीढ़ी, नई सोच के जरिए बड़े बदलाव ला रही है। निःसंदेह देश को महाशक्ति बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और अपनी काबिलियत और मेहनत के बूते पर देश के युवा इस बात को साबित भी कर रहे हैं।

सिस्टम के खिलाफ विरोध

लक्ष्मी चौधरी कहती हैं कि अण्णा हजारे के जनलोकपाल मुहिम को ही लें। अब हमारे जैसे युवा भ्रष्टाचार और देश के विकास के मुद्दों पर गंभीरता से सोच रहे हैं और उनमें सक्रियता से भागीदारी भी दर्ज करवा रहे हैं।

नई विचारधारा लिए देश के युवा जब सिस्टम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाएंगे तो निःसंदेह बदलाव जरूर आएगा। आजादी के इस पर्व पर हमारी लड़ाई कितनी हद तक भ्रष्ट लोगों को बाहर निकाल पाएगी, यह युवा पर ही ज्यादा निर्भर करता है। समाप्त

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