स्वतंत्रता आन्दोलन में सविनय अवज्ञा आन्दोलन के महत्व का वर्णन करें।
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सविनय अवज्ञा आन्दोलन
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का। सन् 1929 ई. लाहौर कांग्रेस कार्यकारिणी ने गाँधी जी को यह अधिकर दिया कि वह सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ करें। सन् 1930 ई. मे साबरमती आश्रम मे कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमे यह पुष्टिकरण किया गया कि गाँधी जी जब चाहें और जैसे चाहे सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ करें। इस तरह गांधी जी ने दाण्डी मार्च के साथ सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया। आज के इस लेख मे हम सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कारण, कार्यक्रम, परिणाम एवं महत्व पर चर्चा करेंगे।
Explanation:
सविनय अवज्ञा आन्दोलन कारण, महत्व एवं परिणाम
सविनय अवज्ञा आन्दोलन के प्रमुख कारण
1. साइमन कमीशन का बहिष्कार
साइमन कमीशन के बहिष्कार और जनता के उत्साह को देखते हुए कांग्रेस नेताओं को यह विश्वास हो चुका था कि अब जनता आन्दोलन हेतु तैयार हैं।
2. सविनय अवज्ञा आन्दोलन के प्रारंभ होने का एक कारण यह भी था की सरकार ने नेहरू समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था।
3. सविनय अवज्ञा आन्दोलन का कारण यह भी था कि कृषकों की दशा भी विश्वव्यापी मंदी के कारण काफि बिगड़ चुकी थी।
4. सन् 1922 मे असहयोग आंदोलन को एक दम से स्थगित किये जाने के कारण जनता मे तेजी से निराशा फैल चुकी थी। इसे दूर करना जरूरी था।