। स्वतंत्रता को कोटि से आप क्या समझते हैं? एक व द्वि परमाणुक गैस के लिए इसके मान बताइए।
[112-3]
Answers
स्वतंत्रता की कोटि की परिभाषा...
कोई भी कण अपनी स्थिति से स्वतंत्रतापूर्वक जितनी जितनी दिशाओं में गति कर सकता है, उसे उस कण की ‘स्वतंत्रता की कोटि’ कहते हैं।
जब कोई कण एकदम सीधी रेखा में गति करता है, यानी कि किसी एक अक्ष पर ही गति करता है तो उस कण की स्वतंत्रता की कोटि एक मानी जाती है। जैसे कि सरल लोलक की गति।
जब कोई कण किसी सतह पर गति करता है, यानि कि वह कण दो दिशाओं में या दो अक्षों पर गति करता है तो उनकी स्वतंत्रता की कोटि दो मानी जाती है। जैसे कि फर्श पर कोई रेंगता हुआ जीव।
जब कोई कण स्वतंत्र रूप से आकाश में विचरण करता है, यानि कि वह कण तीन दिशाओं में या तीन अक्षों पर गति करता है तो उसकी स्वतंत्रता की कोटि तीन मानी जाती है।
एक परमाणुक गैस के लिये स्वतंत्रता की कोटि का मान...
किसी एक परमाणुक गैस के कण आकाश में स्वतंत्र रूप से किसी एक दिशा अथवा एक अक्ष पर ही गति कर सकते हैं, अतः गैस के कण तीन अलग-अलग संभव दिशा में या अक्ष पर गति कर सकते हैं, इसलिए एक परमाणुक गैस की स्वतंत्रता की कोटि तीन होती है।
द्वि परमाणुक गैस के लिये स्वतंत्रता का की कोटि का मान...
द्वि परमाणु गैस के अणु में दो परमाणु होते हैं, इसलिए द्वि परमाणुक गैस के परमाणुओं की दो अक्षों में घूर्णन गति होती है और इन दो अक्षों के अनुदिश भी स्थानांतरित गति होती रहती है, इसलिए द्वि परमाणुक गैस की स्वतंत्रता की कोटि पांच होती है।
☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼