स्वतंत्रता के पश्चात भारत को किन चुनौती का सामना करना पड़ा
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Answer:
पंद्रह अगस्त 1947, आजाद भारत का पहला दिन बहुत ही उत्साह और उत्साह के साथ मनाया गया। देशभक्तों की पीढ़ियों के बलिदान और अनगिनत शहीदों के रक्त ने फल पैदा किए थे।
Explanation:
लेकिन समस्याओं की भीड़, सदियों से पिछड़ेपन, पूर्वाग्रह, असमानता और अज्ञानता के साथ उदासीनता थी।
उपनिवेशवाद की दो शताब्दियों के मलबे को साफ करना पड़ा और स्वतंत्रता संघर्ष के वादे पूरे होने थे।
तत्काल चुनौतियां
- राज्यों का प्रादेशिक और प्रशासनिक एकीकरण।
- राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा
- विभाजन के साथ सांप्रदायिक हिंसा को रोकें
- 6 मिलियन शरणार्थियों का पुनर्वास जो पाकिस्तान से चले गए थे।
- मध्यम अवधि की चुनौतियां
एक प्रतिनिधि लोकतांत्रिक और नागरिक स्वतंत्रतावादी राजनीतिक व्यवस्था का निर्माण
लंबी अवधि की चुनौतियां एक संविधान तैयार करना : :
समावेशी आर्थिक विकास सुनिश्चित करें
गरीबी दूर करना
योजना बनाने की प्रक्रिया शुरू करें
सदियों पुराने सामाजिक अन्याय, असमानता और उत्पीड़न से छुटकारा पाएं
शांति के लिए विदेश नीति विकसित करें
विभाजन के सबसे बुरे सपने को संभालने के बाद, भारतीय नेतृत्व ने भारत को भीतर से मजबूत करने और आंतरिक मामलों की देखभाल करने का प्रयास किया।