Hindi, asked by vinodrawat140679, 1 month ago

स्वतंत्रता की तड़प एवं परतंत्रता से मुक्ति भाव को समाहित करते हुए कठपुतली से साक्षात्कार को संवाद के रूप में लिखिए​

Answers

Answered by anjubisen020
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Answer:

कठपुतली दूसरों के हाथों में बंधकर नाचने से परेशान हो गयी है और अब वो सारे धागे तोड़कर स्वतंत्र होना चाहती है। वो गुस्से में कह उठती है कि मेरे आगे-पीछे बंधे ये सभी धागे तोड़ दो और अब मुझे मेरे पैरों पर छोड़ दो। मुझे अब बंधकर नहीं रहना, मुझे स्वतंत्र होना है। हमें अपने मन के छंद छुए।

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