स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।।
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स्वतंत्रता पुकारती जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी गई है इस कविता में देश की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु भारत माता पिता के वीर सपूतों का आह्वान किया है प्रसाद जी स्वतंत्रता संघर्ष के बीच सिपाही के रूप में देश प्रेम की उत्कट तीव्र भावना से ओतप्रोत होकर भारत मां के वीर सपूतों का आह्वान करते हुए लिखते हैं कि भारत माता के वीर सपूतो आज पराधीनता की बेड़ियां में जकड़ी हुई भारत मां की स्वतंत्रता हिमालय की ऊंची ऊंची चोटियों की दिव्य ज्ञान वाणी से तुम्हें अपनी रक्षा के लिए पुकार रही है तुम तो भारत मां के अमर वीर पुत्र हो और दृढ़ प्रतिज्ञा वाले साहसी वीर सपूत हो.
उद्देश्य- राष्ट्रप्रेम के लिए सर्वस्व त्याग बलिदान और समर्पण का भाव तथा मातृभूमि के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा ही इस रचना का मूल प्रेरणा उद्देश है
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