Hindi, asked by RUCHIKARR9386, 1 year ago

स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ बताइए

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Answered by Siddhikishan
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आज संपूर्ण देश में जातिवाद, प्रांतीयतावाद आदि से अनेकानेक समस्याएँ पनप रही हैं। इस संदर्भ में ‘चंद्रगुप्त’ का अधोलिखित उद्धरण हमें अब भी नव-संदेश प्रदान करने में समर्थ है – ‘मेरा देश मालव ही नहीं, गांधार भी है। यही क्या, समग्र आर्यावर्त है।’11 इससे प्रसाद जी राष्ट्र की अनिवार्यता को ही व्यंजित करते हैं।’प्रसाद जी ने नारी पात्रों के माध्यम से राष्ट्रीय-भावना को आर्य-संस्कृति की ठोस जमीन पर प्रस्तुत किया है। इस राष्ट्रीय-भावना के अंतर्गत एकता, त्याग और आत्मोत्सर्ग की भावना पाई जाती है। प्रसाद जी की कमला, रामा, जयमाला और अलका स्वेदशानुरागिनी नारियाँ हैं। अलका, मल्लिका जैसी नारियाँ आज के परिप्रेक्ष्य में पथ-भ्रष्ट युवकों तथा व्यक्तियों को अपनी कोमल एवं मधुर वाणी से सन्मार्ग पर अवतरित कर सकती है। आज नारी विभिन्न सामाजिक समस्याओं का शिकार बनती है। वह अपनी अस्मिता के लिए संघर्षशील है, फिर भी स्वार्थलोलुप समाज में कहीं उसे भोग्या मात्र माना गया है, तो कहीं उसका जीवन दग्ध होता है।

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