स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ एवं उद्देश्य लिखिए
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Swatantrata pukarti Kavita ka uddeshy kya hai
स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ एवं उद्देश्य लिखिए।
'स्वतंत्रता पुकारती' कविता जयशंकर महाकवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक प्रेरिक कविता है। यह कविता राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत एक कविता है। इस कविता के माध्यम से कवि ने उस समय के परतंत्र भारत के नागरिकों में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीयता की भावना जगाने का प्रयास किया है।
इस कविता का मुख्य उद्देश्य देशवासियों और देश को स्वतंत्र कराने तथा देश की रक्षा में लगे स्वाधीनता सेनानियों और वीर सपूतों को उत्साहित करते हुए उन्हें भारत माता की स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करने का कार्य किया है।
कवि कविता के माध्यम से देश के वीर सपूतों को पुकारते हुए कह रहे हैं कि भारत माता अपनी स्वतंत्रता और अपनी रक्षा के लिए अपने देश के सपूतों को पुकार रही है। अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए देश के वीर सपूत आगे आएं और किसी भी तरह का बलिदान करने से संकोच ना करें। तभी ये देश स्वतंत्र होगा।
स्वतंत्रता बलिदान मांगती है, इसलिए देश के वीर सपूतों को भारत माता की रक्षा और उसे परतंत्रता की बेड़ियों से स्वतंत्र कराने के लिए किअपने कर्तव्य पथ पर निरंतर बढ़ते रहना चाहिए और किसी भी तरह का बलिदान करने से संकोच नहीं करना चाहिए।
इस तरह इस कविता के माध्यम से कवि ने देशवासियों को अपनी स्वतंत्रता के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया है।
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