'स्वतंत्रता पुकारती' कविता का भावार्थ एवं उद्देश्य बतलाइये।
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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (i) जंतुओं के नर युग्मक, कहलाते हैं। (ii) नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संलयन से.._बनते हैं। (iii) युग्मनज विकसित होकर का निर्माण करता है। (iv) टैडपोल का मेंढक मे रूपान्तरण कहलाता है। निषेचन होता है। (v) मनुष्यों में
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sorry
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स्वतंत्रता पुकारती जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी गई है इस कविता में देश की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु भारत माता पिता के वीर सपूतों का आह्वान किया है प्रसाद जी स्वतंत्रता संघर्ष के बीच सिपाही के रूप में देश प्रेम की उत्कट तीव्र भावना से ओतप्रोत होकर भारत मां के वीर सपूतों का आह्वान करते हुए लिखते हैं कि भारत माता के वीर .
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