Hindi, asked by shashankbaheti7604, 1 year ago

स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ एवं उद्देश्य

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Answered by AbsorbingMan
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स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ एवं उद्देश्य

स्वतंत्रता पुकारती कविता में जयशंकर प्रसाद  संपूर्ण देश में जातिवाद, प्रांतीयतावाद आदि से अनेकानेक समस्याएँ के बारे में चर्चा कर रहे है । इस संदर्भ में प्रसाद जी राष्ट्र की अनिवार्यता को ही व्यंजित करते हैं।’प्रसाद जी ने नारी पात्रों के माध्यम से राष्ट्रीय-भावना को आर्य-संस्कृति की ठोस जमीन पर प्रस्तुत किया है। इस राष्ट्रीय-भावना के अंतर्गत एकता, त्याग और आत्मोत्सर्ग की भावना पाई जाती है।

प्रसाद कहते है की नारी अस्मिता के लिए संघर्षशील है, फिर भी स्वार्थलोलुप समाज में कहीं उसे भोग्या मात्र माना गया है, तो कहीं उसका जीवन दग्ध होता है।अलका, मल्लिका जैसी नारियाँ आज के परिप्रेक्ष्य में पथ-भ्रष्ट युवकों तथा व्यक्तियों को अपनी कोमल एवं मधुर वाणी से सन्मार्ग पर अवतरित कर सकती है। आज नारी विभिन्न सामाजिक समस्याओं का शिकार बनती है।


Answered by baisashok9
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Answer:

स्वतंत्रता पुकारती कविता का भावार्थ अवश्य समझाइए

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