स्वतंत्रता प्राप्ति के शारीरिक शिक्षा के इतिहास की व्याख्या कीजिए।
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स्वतंत्रता प्राप्ति के शारीरिक शिक्षा के इतिहास
स्वतंत्रता प्राप्ति के शारीरिक शिक्षा बहुत आवश्यक है | शारीरिक शिक्षा के बारे में जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है | इससे तात्पर्य स्वस्थ शरीर, मन और आचरण का प्रशिक्षण देना है। शारीरिक व्यायाम व खेल आदि क्रियाएँ शरीर को तंदुरुस्त व क्रियाशील बनाते हैं | इसमें यह सिखाया जाता है कि कैसे अपने शरीर को स्वस्थ रखना है | शारीरिक शिक्षा के माध्यम से हम अपने शरीर को स्वास्थ्य बना सकते है |
शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रमों में सबसे बड़ा योगदान शारीरिक व्यायाम व खेल आदि क्रियाएँ मनुष्य के शारीरिक ही नहीं अपितु उसका मानसिक , सामाजिक विकास होता है |
जूडो को शारीरिक शिक्षा भी कहा जाता है | जूडो की शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य है | जूडो को एक कला है इसको सीखने से मनुष्य आत्मनिर्भर हो जाता है | वह अकेले भी अपनी रक्षा कर सकता है |
जूडो शारीरिक और मानसिक रूप से, मुकाबला करने के लिए एक माना जाता है |
शारीरिक शिक्षा अनेक क्रियाएँ तनाव , दबाव , संवेदनशील वह आत्मसमर्पण के व्यवहार को मुक्त करवाती है |