स्वतंत्रता पूर्व अंग्रेजों द्वारा भारत के व्यवस्थित वि-औद्योगीकरण के दोहरे ध्येय क्या थे?
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स्वतंत्रता पूर्व अंग्रेजों द्वारा भारत के व्यवस्थित वि-औद्योगीकरण के दोहरे ध्येय निम्न थे :
- पहला उद्देश्य यह था कि भारत को ब्रिटेन में विकसित हो रहे हैं आधुनिक उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल के एक मात्र निर्यातक के रूप में बनाना चाहते थे ।
- दूसरा उद्देश्य यह था कि, उन उद्योगों के तैयार उत्पादों के लिए भारत को एक विशाल बाजार में बदलना ताकि उनका निरंतर विस्तार हो सके।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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