स्वतंत्रता पर कविता लिखिए = azadi of animals .... please send me your kavita in hindi fast
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आजादी की कहानी"
दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं होता, मन में विश्वास होना चाहिए,
बदलाव लाने के लिए, मन मिटने का भाव होना चाहिए।
बात उस दौर की है जब भारत एक गुलाम था,
हम पर हुकूमत था करता, वो ब्रितानी ताज था।
जुल्म का स्तर कुछ इस प्रकार था की भरी दोपहर में अंधकार था,
हर पल मन एक ही ख्याल सताता, कि अब अगला कौन शिकार था।
किन्तु फिर भी मन में विश्वास था, क्योंकि कलम का ताकत पास था,
जो मौखिक शब्द न कर पाते, ऐसे में ये एक शांत हथियार था।
आक्रोश की ज्वाला धधक रही थी, आंदोलन बन के वो दमक रही थी,
स्वतंत्रता की बात क्या उठी, चिंगारी शोले बन चमक रही थी।
लिख-लिख कर हमने भी गाथा, दिलो में शोलों को भड़काया था,
सत्य अहिंसा को हथियार बनाकर, अंग्रेजों को बाहर का मार्ग दिखाया था।
आसान नहीं था ये सब कर पाना, इतने बड़े स्वप्न को साकार कर पाना,
श्रेय तो जाता उन योद्धाओं को, जिन्होने रातों को भी दिन था माना।
बहुत मिन्नतों बाद दिखा हमें, आजादी का ये सवेरा था,
आओ मिलकर इसे मनाये, फहरा के आज तिरंगा अपना।
स्वतंत्रता
क्या पढ़ते हो किताबों में
आओ मैं तुम्हें बताती हूं
15 अगस्त की असली परिभाषा
आओ को समझाती हूं
एक दौर था जब भारत को
सोने की चिड़िया कहते थे
कैद कर लिया इस चिड़िया को
वह शिकारी अंग्रेज कहलाते थे
कुतर कुतर कर सारे पंख
अधमरा कर छोड़ा था
सांसे चल रही थी बस
ताकत से था अब रिश्ता पुराना था
कहते हैं हिम्मत से बढ़कर
दुनिया की कोई ताकत नहीं है
कतरा कतरा समेटकर
फिर उठ खड़ी हुई वह चिड़िया
बिखर गए थे सारे पंख
तो बिन पंखो के उडना सिख लिया
परिस्थिति चाहे जैसी भी थी दोस्तों
उसने लडना सिख लिया
लडती रही अंतिम सांस तक
और सफलता उसके हाथ लगी
आजादी की चाह थी मन में
और वो आजादी के घर लौट गयी
आज उस चिड़िया को हमहम
गर्व से भारत बुलाते हैं
और सीना गद गद हो जाता है
जब हम भारतीय कहलाते हैं
आजादी का यह पर्व दोस्तों
आओ मिलकर मनाते है