स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य रूप से कितनी धाराएं थी
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सन् 1857 की क्रांति की 150वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के "शहीदों के शब्दकोश" का संकलन करने की परियोजना सौंपी थी।
इस शब्दकोश में एक शहीद को ऐसे व्यक्ति के तौर पर परिभाषित किया गया है जो भारत की मुक्ति के लिए राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लेने के दौरान की गतिविधि में या कारावास में मारा गया या उसे मृत्युदंड की सजा दी गई।
इसमें भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) और फौज के पूर्व सदस्य भी शामिल हैं जो ब्रिटिश हुकूमत से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
इसमें 1857 की क्रांति, जलियांवाला बाग नरसंहार (1919), असहयोग आंदोलन (1920-22), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34), भारत छोड़ो आंदोलन (1942-44), क्रांतिकारी आंदोलनों (1915-34), किसान आंदोलनों, आदिवासी आंदोलनों, रियासतों में उत्तरदायी सरकार के लिए आंदोलन (प्रजामंडल), भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए, 1943-45), रॉयल नौसेना विद्रोह (आरआईएन, 1946) आदि के शहीद शामिल है। इन शब्दकोशों में 13,500 शहीदों की सूचना दर्ज की जा चुकी है।
इस प्रकाशन को पांच खंडों में (ज़ोन अनुसार) लाया गया है जो निम्नलिखित हैः
"शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 1, भाग 1 और 2। इस खंड में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के 4400 से ज्यादा शहीदों को सूचीबद्ध किया गया है।
"शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 2, भाग 1 और दो। इस खंड में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और जम्मू एवं कश्मीर के3500 से ज्यादा शहीदों को सूचीबद्ध किया गया है।
"शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 3। इसमें 1400 से ज्यादा शहीदों को शामिल किया गया है। इस खंड में महाराष्ट्र, गुजरात और सिंध के शहीद सूचीबद्ध हैं।
"शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 4। इस खंड में शामिल किए गए शहीदों की संख्या 3300 से अधिक है। इस खंड में बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के शहीदों को शामिल किया गया है।
"शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 5। इस खंड में शामिल किए गए शहीदों की संख्या 1450 से अधिक है। इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के बलिदानियों को सूचीबद्ध किया गया है।