Hindi, asked by sunderlal0592, 7 months ago

स्वतंत्रता दिवस पर 150 से 200 शब्दों में निबंध लिखें​

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Answered by NikhilKatkar
6

Answer:

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Explanation:

भारत के नागरिक दशकों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहे। ब्रिटिश अधिकारियों ने अपने धन का देश लूट लिया और भारतीयों के साथ बुरा व्यवहार किया। कभी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को अंग्रेजों के हाथों काफी नुकसान उठाना पड़ा।

अंग्रेजों ने भारत के नागरिकों को गुलाम माना। उन्होंने भारतीयों को कठिन परिश्रम कराया और उन्हें समान रूप से भुगतान किया। यहाँ के लोग असहाय महसूस करते थे और अंग्रेजों के निर्देशों का पालन करते हुए अपना सिरा पूरा करते थे। हालांकि, हम उन लोगों के लिए आभारी हैं जिन्होंने साहस दिखाया और अंग्रेजों के साथ आंखें मिलाकर खड़े हो गए।

इन भारतीय क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई और कई अन्य लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। ब्रिटिश शासन के खिलाफ अवज्ञा व्यक्त करने के लिए समय-समय पर कई विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गईं। जबकि इनमें से कुछ क्रांतिकारियों जैसे महात्मा गांधी ने अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया, दूसरों ने अंग्रेजों से लड़ने और उन्हें दूर करने के लिए आक्रामक रुख अपनाया।

इन दोनों प्रकार के क्रांतिकारियों के संयुक्त प्रयासों ने भुगतान किया और भारत को अंततः 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। तब से, प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।

Answered by chanchal9294
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Answer:

15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को याद करने के लिये राष्ट्रीय अवकाश के रुप में इस दिन हर साल भारत के लोगों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन, भारत के उन महान नेताओं को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुये।

15 अगस्त के दिन को लोग अपने-अपने अंदाज में मनाते है कोई मित्रों और परिवारों के साथ इस दिन को यादगार बनाता है तो कोई देशभक्ति गानों और फिल्मों को देख झूमता है साथ ही कई ऐसे भी होते है जो इस दिन कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर तथा विभिन्न माध्यमों के द्वारा स्वतंत्रता दिवस के महत्व को प्रचारित-प्रसारित करते है।

15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते है। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते है|

15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते है। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते है|15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को अपने भाषण “’ट्रिस्ट वीद डेस्टिनी”, के साथ पंडित जवाहर लाल नेहरु ने भारत की आजादी की घोषणा की। साथ ही उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, वर्षों की गुलामी के बाद ये वो समय है जब हम अपना संकल्प निभाएंगे और अपने दुर्भाग्य का अंत करेंगे।

15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते है। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते है|15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को अपने भाषण “’ट्रिस्ट वीद डेस्टिनी”, के साथ पंडित जवाहर लाल नेहरु ने भारत की आजादी की घोषणा की। साथ ही उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, वर्षों की गुलामी के बाद ये वो समय है जब हम अपना संकल्प निभाएंगे और अपने दुर्भाग्य का अंत करेंगे।भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा, और संस्कृति के एक साथ रहते है और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं। इस दिन, भारतीय होने के नाते, हमें गर्व करना चाहिये और ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे।

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