स्वतंत्रता दिवस पर निबंध बताएं 200 शब्द।
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वे देश द्वारा फैली जा रही समस्याओं के हल के लिए लोगों की सहायता के लिए आवाहन करते हैं| वे देश को विभाजित करने के षड्यंत्रों के खिलाफ लोगों को एकजुट रहने की प्रार्थना करते हैं| एक बार फिर भी लोगों से एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए प्रार्थना करते हैं| इसके बाद सभी नागरिक देश के लिए कुर्बान हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने का वचन देते हैं| अपने भाषण के अंत में वे लोगों को तीन बार जय-हिन्द दोहराने को बोलते हैं राष्ट्रगान के साथ समारोह समापन हो जाता है|
स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय त्योहार है इसलिए इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है| स्कूल-कॉलेजों एवं सरकारी कार्यालयों के अतिरिक्त निजी कार्यालयों में भी ध्वज फहराया जाता है और रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन होता है| इस दिन पूरा राष्ट्रीय हर्ष उल्लास जोश एवं उत्साह से भरा होता है लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं| इस दिन स्कूल कॉलेजों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है, विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की समापन के बाद मिठाई एवं पुरस्कारों का वितरण भी किया जाता है|
15 अगस्त 1947 को लालकिले पर झंडा फहराते हुए हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था “रात 12:00 बजे जब आधी दुनिया सो रही है भारत जीवन और स्वतंत्रता पाने के लिए जाग रहा है| यह एक ऐसा क्षण है जो दुर्लभ है जब हम पुराने युग से नए युग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं भारत पुनः अपनी पहचान बनाएगा आजादी के बाद भारत की प्रगति को देख कर यह कहा जा सकता है कि नेहरु जी का यह कथन आज सार्थक हो रहा है| आज भारत दुनिया भर में राजनीतिक ही नहीं आर्थिक शक्ति के रुप में भी उभर रहा है| भारतीय युवा अपनी प्रतिभा एवं क्षमता पूरी दुनिया मे फैला रहे है| गांव का तेजी से विकास हो रहा है, महिलाओं में पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है|
आजादी प्राप्त करने के बाद 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के साथ ही हमारा देश गणतंत्र हुआ| भारतीय प्रजातंत्र में लिंग जाति धर्म इत्यादि किसी भी आधार पर नागरिकों में भेद नहीं किया जाता| धर्मनिरपेक्षता भारतीय गणतंत्र की एक प्रमुख विशेषता है|
स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय त्योहार है इसलिए इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है| स्कूल-कॉलेजों एवं सरकारी कार्यालयों के अतिरिक्त निजी कार्यालयों में भी ध्वज फहराया जाता है और रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन होता है| इस दिन पूरा राष्ट्रीय हर्ष उल्लास जोश एवं उत्साह से भरा होता है लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं| इस दिन स्कूल कॉलेजों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है, विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की समापन के बाद मिठाई एवं पुरस्कारों का वितरण भी किया जाता है|
15 अगस्त 1947 को लालकिले पर झंडा फहराते हुए हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था “रात 12:00 बजे जब आधी दुनिया सो रही है भारत जीवन और स्वतंत्रता पाने के लिए जाग रहा है| यह एक ऐसा क्षण है जो दुर्लभ है जब हम पुराने युग से नए युग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं भारत पुनः अपनी पहचान बनाएगा आजादी के बाद भारत की प्रगति को देख कर यह कहा जा सकता है कि नेहरु जी का यह कथन आज सार्थक हो रहा है| आज भारत दुनिया भर में राजनीतिक ही नहीं आर्थिक शक्ति के रुप में भी उभर रहा है| भारतीय युवा अपनी प्रतिभा एवं क्षमता पूरी दुनिया मे फैला रहे है| गांव का तेजी से विकास हो रहा है, महिलाओं में पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है|
आजादी प्राप्त करने के बाद 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के साथ ही हमारा देश गणतंत्र हुआ| भारतीय प्रजातंत्र में लिंग जाति धर्म इत्यादि किसी भी आधार पर नागरिकों में भेद नहीं किया जाता| धर्मनिरपेक्षता भारतीय गणतंत्र की एक प्रमुख विशेषता है|
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स्वतंत्रता दिवस
सचमुच स्वतंत्रता के बिना जीवन व्यर्थ है पराधीन मनुष्य ना तो सुखी रह पाता है और ना ही अपनी इच्छाओं के अनुकूल जीवन व्यतीत कर पाता है| प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता का विशेष महत्व होता है और यदि सदियों की परीतंत्रता के बाद स्वतंत्रता हासिल हुई हो तो ऐसी स्वतंत्रता का महत्व और भी बढ़ जाता है| हमारा देश भारत सदियों की परीतंत्रता के बाद 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था| इसी के उपलक्ष में इस दिन को हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं और यह हमारा राष्ट्रीय त्योहार है|
भारत का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है| इस लंबे इतिहास में ऐसे कई विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा| अधिकतर विदेशी आक्रमणकारी यहां रहने के दौरान भारतीय सभ्यता संस्कृति में इस तरह घुल मिल गए मानो वे यही के मूल निवासी हो| विदेशी आक्रमणकारियों के आगमन एवं यहां की सभ्यता संस्कृति में घुल-मिल जाने का सिलसिला मध्यकालीन मुगलों के शासन तक चलता रहा| 18 वीं सदी में जब अंग्रेजों ने भारत के कुछ हिस्सों पर अधिकार जमाया तो पहली बार यहां के लोगों को गुलामी का एहसास हुआ था|
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