स्वयं की कल्पना से एक नई नैतिक शिक्षा पर कहानी लिखिए
Answers
Answer:
here is your answer:
Explanation:
आगे एक सोना बेचने वाले सुनार के पास वह गया और उसे पत्थर दिखाया।
सुनार उस चमकीले पत्थर को देखकर बोला, '50 लाख में बेच दे'।
Ads by
उसने मना कर दिया तो सुनार बोला, '2 करोड़ में दे दे या बता इसकी कीमत जो मांगेगा, वह दूंगा तुझे...।'
उस आदमी ने सुनार से कहा, 'मेरे गुरु ने इसे बेचने से मना किया है।'
आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास वह गया और उसे पत्थर दिखाया।
> जौहरी ने जब उस बेशकीमती रुबी को देखा तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपड़ा बिछाया, फिर उस बेशकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई, माथा टेका, फिर जौहरी बोला, 'कहां से लाया है ये बेशकीमती रुबी? सारी कायनात, सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती। ये तो बेशकीमती है।'
वह आदमी हैरान-परेशान होकर सीधे गुरु के पास गया और अपनी आपबीती बताई और बोला, 'अब बताओ गुरुजी, मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?'
गुरु बोले, 'तूने पहले पत्थर को संतरे वाले को दिखाया, उसने इसकी कीमत 12 संतरे बताई। आगे सब्जी वाले के पास गया, उसने इसकी कीमत 1 बोरी आलू बताई। आगे सुनार ने 2 करोड़ बताई और जौहरी ने इसे बेशकीमती बताया। अब ऐसे ही तेरा मानवीय मूल्य है। इसे तू 12 संतरे में बेच दे या 1 बोरी आलू में या 2 करोड़ में या फिर इसे बेशकीमती बना ले, ये तेरी सोच पर निर्भर है कि तू जीवन को किस नजर से देखता है।'
सीख : हमें कभी भी अपनी सोच का दायरा कम नहीं होने देना चाहिए।
i hope it is useful to you .