Hindi, asked by bharatbhusan458, 6 months ago

स्वयं को कठपुतली ना चाहने वाले मानते हुए इसे इस कविता के आधार बनकर आपने और कठपुतली कठपुतली की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए​

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Answered by Anonymous
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Answer:

प्रश्न 1.

कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?

उत्तर

कठपुतली को सदा दूसरों के इशारों पर नाचने से दुख होता है। वह स्वतंत्र होना चाहती है। अंपने पाँवों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनना चाहती है। धागे में बँधना उसे पराधीनता लगता है इसीलिए उसे गुस्सा आता है।

प्रश्न 2.

कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?

उत्तर-

कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़े होने की इच्छा तो है ही, लेकिन खड़ी नहीं होती। इसका कारण यह है कि वह धागों से बँधी हुई होती है। वह पराधीन है। उसका स्वयं पर कोई बस नहीं चलता। दूसरों की इच्छा पर ही वह अपने हाथ-पैर हिला सकती है उसमें अपने बल पर चलने की शक्ति नहीं है।

Explanation:

प्रश्न 3.

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?  [Imp. ]

उत्तर

जब पहली कठपुतली ने स्वतंत्र होने के लिए विद्रोह किया तो दूसरी कठपुतलियों को भी यह बात बहुत अच्छी लगी क्योंकि बंधन में रहना कोई पसंद नहीं करता। वे भी बंधन में दुखी हो चुकी थीं लेकिन ऐसा संभव न हुआ।

प्रश्न 4.

पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए

उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी।

उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।

वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।

वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

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