स्वयं प्रकाश का जीवन परिचय लिखिए।
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20 जनवरी 1947 को इंदौर में जन्में स्वयं प्रकाश अपनी कहानियों और उपन्यासों के लिए विख्यात थे वह अब तक पांच उपन्यास लिख चुके हैं जबकि उनकी 9 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं इससे पहले स्वयं प्रकाश को राजस्थान साहित्य अकादमी के रंगे राघव पुरस्कार तथा तथा पहल सम्मान से नवाजा जा चुका है...
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☞स्वयं प्रकाश का जीवन परिचय लिखिए।
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➢ स्वयं प्रकाश का जन्म २० जनवरी सन् १९४७ को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था।
उनका पैतृक घर अजमेर (राजस्थान) में था। इंदौर में उनका ननिहाल था। उनके नाना स्वतंत्रता-संग्राम-सेनानी थे।
सन् १९६२ में उन्होंने हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा १९६६ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त की। जीविकोपार्जन के लिए सन् १९६७ में उन्होंने भारतीय नौसेना में प्रवेश लिया और सन् १९६८ से १९६९ तक जयंती शिपिंग कंपनी, ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग कंपनी आदि में शोर फिटर के रूप में कार्य किया। सन् १९७० में भारतीय डाक-तार विभाग में रिपीटर स्टेशन असिस्टेंट के पद पर कार्य आरंभ किया और लंबे समय तक यह कार्य करते रहे। सन् १९८३ में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में राजभाषा अधिकारी के रूप में उन्होंने कार्य आरंभ किया तथा सन् २००२ में वहाँ से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। नौकरी करते हुए ही सन् १९७४ में उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से बी॰ए॰ की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी तथा सन् १९८० में राजस्थान विश्वविद्यालय से हिन्दी विषय में एम॰ए॰ की परीक्षा उत्तीर्ण करके सन् १९८२ में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से पीएच॰डी॰ की उपाधि भी प्राप्त कर ली थी। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद सन २००४ में भावी निवास के लिए वे भोपाल आ गये और इसके बाद जीवन पर्यंत वहीं रहे। ८ दिसंबर सन् २०१९ को कर्कट रोग के कारण उनका देहांत हो गया।
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