स्वयं प्रकाश का साहित्यिक परिचय|
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स्वयं प्रकाश (अंग्रेज़ी: Swayam Prakash) हिन्दी साहित्यकार हैं। वे मुख्यतः हिन्दी कहानीकार के रूप में विख्यात हैं। उनका जन्म 20 जनवरी 1947 को हुआ था । कहानी के अतिरिक्त उन्होंने उपन्यास तथा अन्य विधाओं को भी अपनी लेखनी से समृद्ध किया है।
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स्वयं प्रकाश:-
स्वयं प्रकाश का जन्म सन 19 47 में इंदौर ,मध्यप्रदेश में हुआ। आठवें दशक में उबले स्वयं प्रकाश आए समकालीन कहानी के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उन्होंने १३ कहानी संगे प्रकाशित हुई है ।जिनमें सूरज कब निकलेगा, आएंगे अच्छे दिन भी ,आदमी जात का आदमी और संधान उल्लेखनीय है। मध्य वर्ग य जिवन के कुशल चितेरे स्वयं प्रकाश की कहानियों में बंद शोषण के विरुद्ध चेतना है तो हमारे सामाजिक जीवन के भेदभाव के खिलाफ प्रतिकार का स्वयं भी है। रोचक किस्सा खोई शौरी मे लिखी गई उनकी कहानियां हिंदी की वाचिक परंपरा को समूद़ध करती है।
❄︎ धन्यवाद❄︎
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