स्वयं सहायता समूह के महत्व पर एक नोट लिखिए।
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स्वयं सहायता समूह के महत्व पर एक नोट
"स्व-सहायता समूह आर्थिक स्थिति में सहायता देने वाला एक साधन है| विकसित क्षेत्रों में स्वयं के प्रयास का एक रूप है।
स्वयं सहायता समूह में घर में रह कर घर की स्त्रियाँ अपना लघु उद्योग शुरू कर सकती है|
महिलाएं स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित विभिन्न खाद्य पदार्थ बना सकती है|
जैसे -दलिया, आटा, अचार, पापड़, बड़ियाँ , अगरबत्ती, मुरब्बा आदि बनाकर और इन्हें आगे बेच कर अपने परिवार का पर बच्चों का अच्छे से पालन-पोषण कर सकती है|
स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा ऋण आसानी से मिल जाता है| जिससे इन्हें अपना सामान आदि लेने-देन में आसानी हो जाती है| जिससे इन्हें वित्तीय लेन-देन में आसानी होती है।
स्वयं सहायता समूह सूक्ष्म या लघु उद्योग की खोल सकती है और रोज़गार भी दे सकती है|
नई शुरुआत से लोगों की सोच भी बदल रही है | स्त्रियाँ आत्मनिर्भर बन रही है|
Answer:
ब्याज की दर पर ऋण देना बिना समर्थक रेड आधार ऋण देना सदस्यों की जमा पूंजी इकट्ठा करना ग्रामीण निर्धनों विशेषकर महिलाओं को एकत्रित करना विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करना