स्वयं - श्रंखला के बधन मे, अपनी गति उड़ान सब भुले, बस सपनो मे देख रहे हैं, तरू की फुनगी पर के झुले, भाव - स्पष्ट करो in hindi
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यह पिंजरे में कैद उन पंक्तियों के बारे में कह रहा है जो काफी वक्त से पिंजरे में कैद होने की वजह से अपनी उड़ने की शक्ति भूल चुके हैं वह बस सपनों में देख रहे हैं कि कब वह पेड़ पेड़ की पूंजी पर झूल पाएंगे
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