संयोग श्रृंगार का स्थाई भाव लिखिए
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आपका उत्तर:-
- संयोग श्रृंगार का स्थाई भाव है रति।
अतिरिक्त जानकारी:-
↦ रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनंद'।
↦ रस मुख्य रूप से 9 तरह के हैं।
↦ रस के चार अंग होते हैं।
- स्थायीभाव।
- विभाव।
- संचारीभाव।
- अनुभाव।
1. स्थायीभाव:-
हृदय में जो भाव स्थायी रूप से विद्यमान रहते हैं उन्हें स्थायीभाव कहते हैं।
2. विभाव:-
जिसके कारण स्थायीभाव जागृत होता है उसे विभाव कहते हैं।
3. संचारीभाव:-
स्थायीभावो के साथ-साथ बीच-बीच में जो मनोभाव प्रकट होते हैं उन्हें संचारीभाव कहते हैं।
4. अनुभाव:-
स्थायीभाव जागृत होने पर आश्रय की बाहय चेष्टाओं को अनुभाव कहते हैं।
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Answer:
रति
here ur correct answer ✔✅
hope it will some help u
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