Science, asked by sriramulumca9418, 9 months ago

संयोजी ऊतकों में पाये जाने वाले दो प्रकार के तन्तुओं के नाम बताइए ।

Answers

Answered by ranyodhmour892
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Answer:

संयोजी उत्तक रेशेदार उत्तक होते हैं। प्राणियों के संयोजी उत्तकों का मुख्य घटक कोलेजन (Collagen) नामक प्रोटीन होता है।

संयोजी ऊतक (अंग्रेजी:Connective Tissue) मानव शरीर में एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का कार्य करता है। यह प्रत्येक अंग में पाया जाता है। यहऊतकों का एक विस्तृत समूह है। संयोजी ऊतकों का विशिष्ट कार्य संयोजन करना, अंगों को आच्छदित करना तथा उन्हें सही स्थान पर रखना है।

संयोजी ऊतक शरीर को एक ढांचा प्रदान करते हैं। इनमें कोशिकाएं उपकला कोशिकाओं की भाँति बहुत अधिक चिपकी हुई नहीं होतीं, बल्कि एक-दूसरे से काफ़ी अलग-अलग रहती हैं। इनके बीच के स्थान में अन्तर्कोशिकीय पदार्थ भरा रहता है, जिसे 'मैट्रिक्स' कहते है। यह पदार्थ रेशेदार दिखाई देता है।

इन ऊतकों की कोशिकाएं अलग-अलग आकार और रूप-रंग की होती हैं। यद्यपि सबके संयोजी कार्य में समानता होती है।

वास्तव में संयोजी ऊतक आद्य कोशिकाओं से पैदा होते हैं और इन्हें 'मीजेनकाइमल कोशिकाएं' कहा जाता है।

संयोजी ऊतक कई प्रकार के होते हैं, जैसे-

अवकाशी ऊतक (areolar tissue)

वसीय ऊतक (adipose tissue)

श्वेत सौत्रिक या तन्तुमय ऊतक (white fibrous tissue)

अस्ति ऊतक (beone or osseous tissue)

लसीकाभ ऊतक (lymphoid tissue)

श्लेष्माभ ऊतक (mucoid tissue)

पीत प्रत्यास्थ ऊतक (yellow elastic tissue)

जालीदार ऊतक (reticular tissue)

रक्त उत्पादक ऊतक (haemopoietic tissue)

उपास्थि (cartilage)

Writer - PUSHPENDRA YADAV .शरीर का सबसे तरल सयोजी ऊतक रक्त होता है और कठोर सयोजी ऊतक अस्थि होती है

बाहरी कड़ियाँ

Answered by shrutisharma4567
1

Explanation:

\huge{\overline{\underline{\mathfrak{\red{A}}}}}\huge{\overline{\underline{\mathfrak{\red{N}}}}}\huge{\overline{\underline{\mathfrak{\red{S}}}}}\huge{\overline{\underline{\mathfrak{\red{W}}}}}\huge{\overline{\underline{\mathfrak{\red{E}}}}}\huge{\overline{\underline{\mathfrak{\red{R}}}}}

Answer:

संयोजी उत्तक रेशेदार उत्तक होते हैं। प्राणियों के संयोजी उत्तकों का मुख्य घटक कोलेजन (Collagen) नामक प्रोटीन होता है।

संयोजी ऊतक (अंग्रेजी:Connective Tissue) मानव शरीर में एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का कार्य करता है। यह प्रत्येक अंग में पाया जाता है। यहऊतकों का एक विस्तृत समूह है। संयोजी ऊतकों का विशिष्ट कार्य संयोजन करना, अंगों को आच्छदित करना तथा उन्हें सही स्थान पर रखना है।

संयोजी ऊतक शरीर को एक ढांचा प्रदान करते हैं। इनमें कोशिकाएं उपकला कोशिकाओं की भाँति बहुत अधिक चिपकी हुई नहीं होतीं, बल्कि एक-दूसरे से काफ़ी अलग-अलग रहती हैं। इनके बीच के स्थान में अन्तर्कोशिकीय पदार्थ भरा रहता है, जिसे 'मैट्रिक्स' कहते है। यह पदार्थ रेशेदार दिखाई देता है।

इन ऊतकों की कोशिकाएं अलग-अलग आकार और रूप-रंग की होती हैं। यद्यपि सबके संयोजी कार्य में समानता होती है।

वास्तव में संयोजी ऊतक आद्य कोशिकाओं से पैदा होते हैं और इन्हें 'मीजेनकाइमल कोशिकाएं' कहा जाता है।

संयोजी ऊतक कई प्रकार के होते हैं, जैसे-

अवकाशी ऊतक (areolar tissue)

वसीय ऊतक (adipose tissue)

श्वेत सौत्रिक या तन्तुमय ऊतक (white fibrous tissue)

अस्ति ऊतक (beone or osseous tissue)

लसीकाभ ऊतक (lymphoid tissue)

श्लेष्माभ ऊतक (mucoid tissue)

पीत प्रत्यास्थ ऊतक (yellow elastic tissue)

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