संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की भूमिका पर संक्षिप्त निबन्ध लिखें ।
Answers
आज का युग अंतरराष्ट्रवाद का है । संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं के अभाव में विश्व की कल्पना नहीं की जा सकती । चाहे विश्व का कोई कितना भी समृद्ध देश क्यों नहीं हो, उसे संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेशों का पालन करना ही है ।
भारत सदा से ही शांति के मार्ग पर चलनेवाला देश रहा है । अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए भारत ने शांति का रास्ता अपनाया है । अत: भारत की संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं में पूर्ण आस्था है । भारत विश्वशांति की स्थापना में सदा योगदान करता आया है ।
भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का आरंभ से ही सदस्य रहा है तथा उसके कार्यो में सक्रिय रूप से भाग लेता है । भारत ने स्वतंत्र राष्ट्र न होने पर भी संयुक्त राष्ट्र के घोषणा- पत्र पर दो कारणों से हस्ताक्षर किए थे-
१. दूसरे राष्ट्रों के सैनिकों के साथ भारत के सैनिक द्वितीय महायुद्ध में लड़ रहे थे । अत: भारत युद्ध के विनाश को जानता था ।
२. भारत के नेता विश्व में शांति बनाए रखने के लिए हमेशा कोशिश करते थे । संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का विशिष्ट स्थान है । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रबल समर्थक थे ।
उन्होंने कहा भी था, ”संयुक्त राष्ट्र संघ के बिना आज की दुनिया जीवित रह सकती है, मैं सोच भी नहीं सकता ।” उन्होंने स्वतंत्र वैदेशिक नीति तथा पंचशील के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा शांति लाने का प्रयास किया था ।h