स्याम म्हाने चाकर राखो जी,गिरधारी लाला म्होंने चाकर राखोजी ।चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ ।बिन्दरावन री कुंज गली में, गोविन्द लीला गास्यूँ । चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची। भाव भगत जागीरी पास्यूँ, तीनू बातोँ सरसी।कृष्ण की भाव-भक्ति में डूबना किसके समान है? (4)(क) सुख और वैभव के समान(ख) मान-सम्मान के समान(ग) धन-दौलत के समान(घ) धन और सम्मान के समान
Answers
कृष्ण की भाव-भक्ति में डूबना किसके समान है?
(क) सुख और वैभव के समान
(ख) मान-सम्मान के समान
(ग) धन-दौलत के समान
(घ) धन और सम्मान के समान
सही उत्तर है...
➲ (क) सुख और वैभव के समान
⏩ मीराबाई भक्ति की पराकाष्ठा में आकर अपने आराध्य श्रीकृष्ण के यहां चाकरी करने अर्थात उनकी सेविका बनने तक के लिए तैयार हैं, ताकि उन्हें श्रीकृष्ण के रोज दर्शन हो सके। वह चाहती हैं कि उन्हें श्रीकृष्ण के यहां सेविका बनने का अवसर प्राप्त हो और वह रोज उनका बाग सजाएं। इसी बहाने उन्हें रोज श्रीकृष्ण के दिव्य दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। वह श्रीकृष्ण के सानिध्य में रहकर मन लगाकर उनकी भक्ति कर सकेंगी। श्री कृष्ण के प्रति भक्ति-भाव को वह किसी जागीर से कम नहीं समझती अर्थात वह उनके लिए सुख और वैभव के समान है।
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Explanation:
सुख और वैभव के समान .
A is the answer