saath mein padhne waala chahera bhai kaksha mein uttirdn nahi ho saka usko parishram ke liye prerit karte hue sujhav patr likhiye
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पढ़ने का नियत समय होना चाहिए। प्रातःकाल उठकर पढ़ना श्रेयस्कर है। साथ ही अपने मित्रों का चुनाव भी बहुत सोच-समझकर करना जो पढ़ाई में रुचि रखते हों। वस्तुतः विद्यार्थी-जीवन तो परिश्रम का ही होता है और भविष्य के सपने परिश्रम से ही पूरे होते हैं, मन की कामना से नहीं।
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