saathi haath badhana " summary
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साथी हाथ बढ़ाना कविता के कवी साहिर लुधयानवी हैं I इस कविता में वह मिलजुल-कर मेहनत करने का महत्व बताते हैं I कविता में वह कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अकेला कार्य करेगा तो वह थक जायेगा मगर मिलजुल-कर काम करने से एक व्यक्ति पर बोझ नहीं पड़ेगा एवं वह कार्य शीघ्रता से ख़तम हो जायेगा I
मनुष्य के सीने एवं बाजुओं में ताकत है I यदि सभी लोग मिलकर मेहनत करें तो सागर एवं पहाड़ जैसी मुश्किलें भी उनके सामने टिक नहीं पाती I
कवी ने यह भी कहा है कि मेहनत करना हमारी किस्मत में लिखा है I इसलिए हमें मेहनत करने से डरना नहीं चाहिए I इसका उदहारण देखिये कि हम पहले मुगलों एवं अंग्रेजों के लिए मेहनत करते थे I आज हमें अपने लिए मेहनत करनी है I
एक-एक कतरा मिलने से दरिया बन जाता है, एक-एक ज़र्रा मिलकर सेहरा I एक-एक राई पर्वत का रूप ले सकते हैं I इसी तरह यदि मनुष्य एक साथ मिल जाए तो इंसान किस्मत को भी वश में कर सकते हैं I
उत्तर समाप्त !!
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