Saavan par kavita 10 line
Answers
अब के सावन ऐसा आए
झूम -झूम कर धरती गाए
रिमझिम -रिमझिम बरसे सावन
तन मन दोनों ख़ुशी से भीग जाए
सावन के झूले जब पड़ते
खिल -खिल हँसती सखियाँ सारी
हिल -मिल कर रंग जमाती
रंग-बिरंगे परिधानों में सब के
मन को भा जाती
यह खिलती कलियाँ अब कभी
न मुरझाएँ , ख़ुशी के गीत गाएँ
घर-घर में रंग जमें अब ऐसा
बेटियाँ हरदम ही मुस्कुराएँ
न हो डर कोई ऐसा जिससे वे सहम
जाएँ
हम सब भरें उनके मन में विश्वास
ताकि बेख़ौफ़ वे आगे बढ़ती जाएँ
सावन की इस बारिश में खुद को
आनंदित पाएँ
अब के सावन ऐसा आए
झूम -झूम कर धरती गाए
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Answer:
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लो, सावन बहका है
बूँदों पर है खुमार, मनुवा भी बहका है।
बागों में मेले हैं
फूलों के ठेले हैं,
झूलों के मौसम में
साथी अलबेले हैं।
कलियों पर है उभार, भँवरा भी चहका है।
ऋतुएँ जो झाँक रहीं
मौसम को आँक रहीं,
धरती की चूनर पर
गोटे को टाँक रहीं।
उपवन पर हो सवार, अम्बुआ भी लहका है।
कोयलिया टेर रही
बदली को हेर रही,
विरहन की आँखों को
आशाएँ घेर रही।
यौवन पर है निखार, तन-मन भी दहका है।
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