Hindi, asked by manhaasfiya13, 6 months ago

सब्जी मंडी का कोई भी गुंजन बाबू हनुमान प्रसाद जी को अपनी दुकान पर बुलाना क्यों नहीं चाहते थे answer​

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Answered by natille
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Pls ask your question in english.

Answered by sadiaanam
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Answer:

सब्जी मंडी का कोई भी सब्जी वाले बाबू हनुमान प्रसाद को अपनी दुकान पर इसलिए नहीं बुलाना चाहते थे, क्योंकि बाबू हनुमान प्रसाद की बेहद खराब आदत थी।

Explanation:
बाबू हनुमान प्रसाद को बाज़ार में सभी कुंजड़े पहचानते थे। वे ही घर की साग-सब्ज़ी इस बाज़ार से रोज़ खरीदकर ले जाते हैं। हरे धनिए की गड्डी पैसे-पैसे या दो पैसे की तीन लेना, शलजम को पत्ते तुड़वाकर तुलसी का आग्रह करना, आलू छाट-छाँटकर चढ़वाना, सड़ा कुम्हड़ा दूसरे दिन कटा हुआ वापस कराना और अरवी धुलवाकर, मिट्टी हटाकर लेना आदि अनेक ऐसी बातें हैं जिनके कारण सब्ज़ीमंडी का कोई कुंजड़ा उन्हें अपने पास नहीं बुलाना चाहता था। क्योंकि उनसे हानि की संभावना बनी रहती है। वह सब्जी खरीदते समय सब्जी वाले से हरे धनिये की गड्डी मुफ्त में मांगते थे। शलजम के पत्ते तुड़वाकर तोलने का आग्रह करते थे। आलू भी छांट-छांटकर चुनते। अरबी को धुलावकर, मिट्टी हटवाकर ही लेते थे। इसके अलावा वह सब्जी खरीदते समय मोलभाव बहुत अधिक करते थे। सब्जी वाले उनकी आदतों से बहुत परेशान हो जाते थे। इसी कारण सब्जीवाले हनुमान प्रसाद को अपने पास सब्जी के लिये नही बुलाना चाहते थे।

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