सब का दुख अलग अलग होता है अपनी-अपनी बीमारी पाठ के आधार पर दुख के अनुभव कोई तीन बिंदु में लिखिए
Answers
सबका दुख अलग अलग होता है। ‘अपनी-अपनी बीमारी’ व्यंग चित्र में हरिशंकर परसाई ने इसी बात को व्यंगात्मक तरीके से रेखांकित किया है।
इस पाठ के आधार पर दुख के अनुभव के तीन बिंदु देखें तो वो इस प्रकार हैं....
सब का दुख अपना अलग अलग होता है, कोई टैक्स न भर पाने से दुखी है क्योंकि उसके पास ना इतनी प्रॉपर्टी है ना उसकी इतनी आय हैं कि वह टैक्स भर सके। वो इस बात से दुखी ही है कि काश उसके पास इतनी प्रापर्टी और आय होती कि उसे भी टैक्स भरने का सौभाग्य मिलता। उसकी दृष्टि में टैक्स भरना सम्पन्नता का सूचक है।
दूसरी तरफ कोई टैक्स भर-भर कर परेशान है, वो चाहता है कि उसे टैक्स भरने से राहत मिले। यानि टैक्स न भरने वाला भी दुखी है और भरने वाल भी।
कोई चंदा ना मिल पाने के कारण दुखी है, तो कोई चंदा देते रहने के कारण दुखी है।
पुस्तकों का प्रकाशक पुस्तकालय में कम पुस्तके बिकने का कारण दुखी है तो लेखक प्रकाशक के पास से अपनी पुस्तकों का पारिश्रमिक ना मिल पाने के कारण दुखी है।
कोई भूख से दुखी है, यानि उसे दो वक्त का पेटभर खाना तक ढंग से नही मिल पाता, इस बात से दुखी है। तो कोई खा-खाकर दुखी है, यानि अपने मोटापे से परेशान है, और मोटापा कम करने के लिये कम खाना चाहता है।
इस तरह हर सब के दुख अलग अलग हैं। कोई जिस कारण से दुखी है, दूसरा ठीक उसी के विपरीत कारण से दुखी है।
≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼
परसाई जी सम्मेलन में क्यों गये थे ?
https://brainly.in/question/14899900
═══════════════════════════════════════════
सज्जन ने चिट्ठी लेटर बॉक्स में डालने का विवरण कितनी देर में दिया?
https://brainly.in/question/21197318
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answer:
उदाहरण के साथ
अलग-अलग लोगों के लिए दुख अलग होता है